यूनाइटेड ट्राइब गोंडवाना एसोसिएशन (UTGA) की कहानी भविष्य के एक संभावित संकट के खिलाफ एक दूरदर्शी प्रतिक्रिया है। यह कहानी उन आदिवासी युवाओं की है जिन्होंने अपने समुदायों के सामने आने वाली चुनौतियों का सामना करने और उन्हें दूर करने का संकल्प लिया।
भविष्य का संकट
आदिवासी समुदायों की आय के मुख्य स्रोत खेती और जंगल हैं। लेकिन समय के साथ, इन दोनों संसाधनों में लगातार कमी आ रही है। एक ऐसी स्थिति आने की आशंका है जब खेती के लिए जमीन और वनोपज के लिए जंगल नहीं बचेगा। इससे गांवों के लोग अपनी आजीविका के लिए शहरों की ओर पलायन करने को मजबूर हो जाएंगे। किसान खेती करना बंद कर देंगे, और उद्योगपति भोजन, पानी, शुद्ध हवा और औषधि जैसे आवश्यक संसाधन फैक्ट्रियों में बनाने लगेंगे। आम आदमी हर चीज खरीदने के लिए मजबूर हो जाएगा, जिससे बाजारवाद और पूंजीवाद मानव सभ्यता को गुलाम बना देंगे। एक भीषण आर्थिक संकट उत्पन्न होगा।
आर्थिक गण्ड व्यवस्था: एक समाधान
इस भविष्य के संकट से बचने के लिए, छत्तीसगढ़ राज्य के आदिवासी अंचल के कुछ युवाओं ने अपने पूर्वजों की आर्थिक और सामाजिक व्यवस्था का अध्ययन किया। उन्होंने एक आधुनिक व्यवस्था का निर्माण किया, जिसे “आर्थिक गण्ड व्यवस्था” नाम दिया गया।
सामुदायिक कंपनियों का निर्माण
“आर्थिक गण्ड व्यवस्था” के तहत, विभिन्न आर्थिक और व्यावसायिक कार्यों के लिए कई सामुदायिक कंपनियों का निर्माण किया जा रहा है। यूनाइटेड ट्राइब गोंडवाना एसोसिएशन इन कंपनियों में से एक प्रमुख उपक्रम है।
UTGA का उद्देश्य
UTGA का मुख्य उद्देश्य आदिवासी समुदायों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। यह संगठन सामुदायिक संसाधनों का संरक्षण, संवर्धन और विकास करने के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर पैदा करने के लिए भी काम करता है।
निष्कर्ष
यूनाइटेड ट्राइब गोंडवाना एसोसिएशन भविष्य के संकट से निपटने और आदिवासी समुदायों के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह संगठन सामुदायिक भागीदारी और आर्थिक सशक्तिकरण के माध्यम से एक बेहतर भविष्य का निर्माण करने का प्रयास कर रहा है।